जेएनयू के मजदूरों के घरों में '‍अभिज्ञान' का प्रकाश



'अभिज्ञान' का गठन 2005 में जेएनयू के कुछ विद्यार्थियों द्वारा मजदूरों के बच्चों को शिक्षा के प्रकाश तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया. इन दिनों जेएनयू में बडे पैमाने पर निमार्णकार्य चल रहे हैं. नए हॉस्टल, एकेडेमिक कॉम्लेक्स और फैकल्टी क्वार्टर्स का निर्माण हो रहा है. इनमें हजारों की तादाद में मजदूर कार्य कर रहे हैं. ये मजदूर जेएनयू कैंपस में कच्चे घर बनाकर रह रहे हैं. कैंपस परिसर में तीन विद्यालय होने के बावजूद सरकार के 'शिक्षा का अधिकार' की रोशनी मजदूरों के इन बच्चों तक नहीं पहुंच पाई है. इन बच्चों को इस अंधकार से पढाई के प्रकाश की ओर ले जाने का बीडा 'अभिज्ञान' ने उठाया है. इसमें जेएनयू में अध्येयन कर रहे कई विदेशी विद्यार्थी भी सक्रिय हैं. 'अभिज्ञान' की एक प्रमुख और सक्रिय कार्यकर्ता यज्ञासेनी बारेठ बताती हैं कि 'अभिज्ञान' द्वारा अभी तक 56 बच्चों को मुनिरका और बेर सराय के सरकारी स्कूलों में नियमित दाखिला दिलाया जा चुका है. हम हर शुक्र, शनि और रविवार को बच्चों को पढाने के अलावा खेलकूद, नृत्य -संगीत, हस्तशिल्प आदि से जोडने की कोशिश करते हैं.' यज्ञासेनी आगे कहती हैं कि 'हम इन विस्थापित परिवारों और उनके बच्चों के स्वास्‍थ्‍य को लेकर भी चिंतित हैं और समय-समय पर इनकी जांच कराते रहते हैं'.

'अभिज्ञान' के बारे में YouTube पर डॉक्‍यूमेन्‍ट्री देखें-
http://www.youtube.com/watch?v=2qV87FRcSeI&feature=related

1 Response to “जेएनयू के मजदूरों के घरों में '‍अभिज्ञान' का प्रकाश”

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

agar yah chalta rahe to theek hai

 
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