गणतंत्र (कविता)


गणतंत्र
-गंगा सहाय मीणा


क्‍या है गणतंत्र? 

तिरंगा झंडा?
राजपथ की परेड?
राष्‍ट्रपति की बघ्‍घी?
तोपों की सलामी?
दिल में इंडिया?
जुबां पे वंदे मातरम?
या भारत माता की जय?

नहीं साथी,

इनमें से कुछ नहीं!

गणतंत्र है

दलित का भीमा
आदिवासी का बिरसा
औरत का प्रतिरोध
मंडल आयोग
सच्‍चर की सिफारिशें
इंसान की ख्‍वाहिशें
और
वह सबकुछ
जो इंसान-इंसान की
बराबरी के लिए
किया जाना बाकी है.
 
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